The Psychology of Money Summary in Hindi| द साइकोलॉजी ऑफ़ मनी: सारांश हिंदी में| धन-सम्पदा का मनोविज्ञान| Improve Your Finances| 2023 

The Psychology of Money summary in Hindi में पढ़ें और समझें कि पैसो के मनोविज्ञान(साइकोलॉजी ऑफ़ मनी) के क्या पहलू हैं और कैसे आप इसके साथ बेहतर तरीके से डील कर सकते हैं.

Table of Contents

परिचय :Introduction

आज हम बात करेंगे एक बहुत ही शानदार और सोचने पर मज़बूर करने वाली बुक “The Psychology of Money” के बारे में। इस बुक की हिंदी में समरी ( summary in Hindi) आपके लिए लाये हैं, जिससे आपको समझने में आसानी होगी। यह बुक Morgan Housel द्वारा लिखी गयी है और इसमें पैसो के मनोविज्ञान के अनूठे और गहरे पहलू को समझाया गया है। तो चलिए शुरू करते हैं इस अनूठे सफ़र को।

The Psychology of Money: Review & Rating

The Psychology of Money
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साइकोलॉजी ऑफ़ मनी : क्या है और क्यों ज़रूरी है?

पहले हम ये समझते हैं  कि साइकोलॉजी ऑफ़ मनी  से हम क्या समझते हैं और इसकी ज़रूरत क्यों है।

साइकोलॉजी ऑफ़ मनी की परिभाषा (Definition)

साइकोलॉजी ऑफ़ मनी  का मतलब है वो तरीके और सोच जिसके द्वारा हम पैसो से जुड़े फैसलों को लेते हैं। यह हमारे मानसिक प्रवृत्तियों(mental tendencies), मूल्यो(values) , और अनुभवों पर आधारित होता है। साइकोलॉजी, पैसो का मिलना, खर्च, बचत, और निवेश(investment) के पीछे का सोच-विचार समझता है।

साइकोलॉजी ऑफ़ मनी  की ज़रूरत

साइकोलॉजी ऑफ़ मनी  की ज़रूरत इसलिए है क्योंकि हमारे financial decisions हमारे भविष्य पर भारी असर डालते हैं। यदि हम पैसो के साथ एक समझदारी से व्यवहार करते हैं, तो हम अपने आप को अनेक समस्याओं से बचा सकते हैं।

पैसे के साथ जुड़े विभिन्न मानसिक और सामाजिक पहलुओं का प्रभाव (Impact of Money on various Psychological and Social Aspects)

  • पैसा उपलब्धि का एक साधन (Money as a tool for achievement): पैसा, कुछ लोगो के लिए अपनी इच्छाएं और गोल्स को पूरा करने का एक साधन है। ज़्यादा पैसा होना एक उपलब्धि का मानक बन जाता है।  
  •  पैसा और आत्मसम्मान: पैसा हमारे आत्म सम्मान और personal identity  से जुड़ा हुआ है। लोग अपनी वैल्यू पैसे से करते हैं।
  • बचपन के अनुभवों का असर:  बचपन के अनुभव, व्यक्ति के पैसे के साथ रिश्ते ,उसके रवैये और व्यवहार पर लंबे समय तक असर डाल सकते हैं।
  •  पैसा और रिश्ते:  पैसा रिश्तो पर अच्छे या बुरे दोनों तरीके से बड़ा प्रभाव डालता है। ये एक तनाव का कारण भी हो सकता है।
  •  सामाजिक मानकों का प्रभाव (The influence of societal norms):  समाज, हमारे पैसे के साथ रिश्ते जैसे खर्च, बचत, और कर्ज के प्रति हमारे रवैये को भी प्रभावित कर सकता है।
  •  कमी होने के अनुभव का प्रभाव (The impact of scarcity) : कम होने का अनुभव, पैसे के साथ व्यक्ति के रिश्ते पर गहरा असर डाल सकता है जिससे तनाव, निराशा और चिंता का एहसास होता है। 
  •  पैसा और डिसीजन मेकिंग: पैसा हमारे डिसीजन मेकिंग पर प्रभाव डाल सकता है। लोग कभी-कभी अपने values और goals के बजाय पैसों के आधार पर फैसले लेते हैं।
  • कर्ज का मनोविज्ञान(Psychology of Debt) :कर्ज़ हमारे मानसिक स्वास्थ्य और अच्छी स्थिति पर भारी प्रभाव डाल सकता है जिससे तनाव, शर्म और गिल्ट का एहसास होता है।
  • सोच समझकर किया गया खर्च (Mindful spending): इसका मतलब है की पैसे के साथ अपने relation को समझदारी भरा रखना जिससे हम हर तरह से खुश और तनावमुक्त रहे।  

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 “The Psychology of Money” Summary in Hindi – कुछ इम्पोर्टेन्ट पॉइंट्स

लंबे समय की सोच(Long Term View)

Morgan Housel इस बुक में long term view की importance को बताते हैं  वे कहते हैं कि हमें short-term gains के पीछे ना भागते हुए, अपनी financial goals को long term के लिए ध्यान में रखकर पैसो को treat करना चाहिए।अगर आप अपने पैसे को long term के लिए निवेश करेंगे तो आपको भविष्य में अच्छा रिटर्न मिल सकता है। लेकिन, आपको अपनी भावनाओं को कंट्रोल करना पड़ेगा और मार्केट के fluctuations को नजरअंदाज करना पड़ेगा।

समय की कीमत समझें (Value for Time) 

Morgan Housel इस बुक में समय की कीमत समझाने की कोशिश करते हैं। वो कहते हैं कि पैसो के साथ समय भी हमारे लिए कीमती है ,और इसे हमें हमेशा याद रखना चाहिए। यह हमें इसकी importance समझाने और अपने समय को utilize करने के लिए प्रेरित करता है। जितनी जल्दी हम  इन्वेस्ट करना शुरू करेंगे, उतना ही ज्यादा समय हमारे पास पैसा ग्रो करने के लिए होगा और हम अपने financial goals को अचीव करने में आसानी से सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

एक Financial Plan बनाएं

अपने financial goals को हासिल करने के लिए आपको एक Plan की ज़रूरत होगी। इस plan में आपके शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म financial goals, आपके बजट और आपकी investment strategy होनी चाहिए। इस plan के सफल होने के लिए ज़रूरी है की हम अपनी income से कम खर्च करें, बचे हुए पैसो को save और invest करें। 

आत्मसंतोष(Self Contentment)

यह बुक आत्मसंतोष के महत्व को बताती है। वो कहते हैं कि अपने financial goals के साथ संतुष्ट रहना एक important quality है, और इसे हमें अपने financial decisions में ध्यान रखना चाहिए।अगर हम संतुष्ट नहीं हैं तो हमेशा अपने जीवन के लिए कुछ न कुछ मांगते रहते हैं, चाहे वो नए कपड़े हों, बड़े घर हों या फिर महंगी वैकेशन हों। यदि हमें संतुष्टि मिल जाती है तो हमें पैसे बचाने के लिए कम प्रेशर होता है और हम अपने सेविंग्स को भी समझदारी से इन्वेस्ट कर सकते हैं।

न रुक सकने वाली गलतियों से सीखें (Learn From Inevitable Mistakes)

यह बुक inevitable mistakes से सीखने की importance पर भी बल देती है। Morgan Hosul कहते हैं कि हमें अपनी mistakes से सीखना चाहिए, और इससे हम अपने financial decisions को सुधार सकते हैं। हर कोई फाइनेंशियल मिस्टेक करता है, क्योंकि फाइनेंशियल डिसीजन मेकिंग आसान नहीं होता है। लेकिन, अगर आप अपनी मिस्टेक को मानते हैं और उनसे सीखते हैं, तो आपको भविष्य में अच्छे फाइनेंशियल डिसीजन लेने में मदद मिलेगी।

लेखक के बारे में (About The Author)

लेखक Morgan Housel एक financial writer है जो अपने लेखों और किताबों से लोगों को financial decision-making के बारे में समझाते हैं। उन्होंने Forbes, The Wall Street Journal, The Motley Fool, TIME Magazine जैसी कई प्रमुख मीडिया हाउसेज के लिए लिखा है। Housel ने अपनी किताब “The Psychology of Money: Timeless lessons on wealth, greed, and happiness” में financial decisions और wealth creation के core concepts पर बहुत गहरी चर्चा की है। उनकी writing का स्टाइल आम आदमी के लिए समझने में आसान है, जिससे लोगों को उनकी financial journey पर सही दिशा मिल सके।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

“The Psychology of Money” में कुल कितने अध्याय हैं?

“The Psychology of Money” में कुल 20 अध्याय हैं, हर एक अध्याय एक अलग financial concept को समझाने के लिए है।

 “The Psychology of Money” summary in Hindi को पढ़ने से क्या लाभ होगा?

 “The Psychology of Money” summary in Hindi को पढ़ने से आपको इस किताब के मूल concepts समझने में आसानी होगी, और आप अपने financial decisions में सुधार कर सकेंगे। यह आपको समझने में मदद करेगा कि आप कैसे अपने समय और पैसों का सदुपयोग कर सकते हैं और अपने financial goals को पूरा कर सकते हैं।

क्या यह बुक केवल financial problems  के बारे में है?

 नहीं, यह बुक सिर्फ financial problems से संबंधित नहीं है। इस बुक में व्यक्तिगत और सामाजिक समस्याओं, समय के महत्व आदि पर भी चर्चा की गई है।

क्या “The Psychology of Money” हिंदी में available है?

हाँ , यह हिंदी में available है और आप इसे online या offline दोनों ही तरीकों से खरीद सकते हैं।

क्या  “The Psychology of Money” in Hindi PDF डाउनलोड कर सकते हैं?

हाँ, आप  “The Psychology of Money” in Hindi PDF डाउनलोड कर सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

इस “The Psychology of Money” summary in Hindi से हमने जाना कि साइकोलॉजी ऑफ़ मनी  क्या है और इसकी क्या ज़रूरत है। इस बुक में समय, आत्मसंतोष, और गलतियों से सीखने के  importance पर भी ज़ोर दिया गया है। इसे पढ़कर हम अपने financial decisions में सुधार कर सकते हैं और अपने financial goals को पूरा कर सकते हैं।

अगर आप अपने financial decisions को सुधारना चाहते हैं, तो इस बुक को अवश्य पढ़ें और इससे लिए दिए गए tips को अपनाएं। अपने financial goals को ध्यान में रखकर आप संतुष्टि और सफलता की ओर अग्रसर हो सकते हैं।इसके साथ ही आप अपने financial knowledge को भी बढ़ा सकते हैं। आप financial planning, बचत, निवेश(investment) , और बीमा(insurance) जैसे विषयों पर भी अधिक जानकारी हासिल कर सकते हैं।

इसलिए, यदि आप अपने पैसों के साथ समझदारी से व्यवहार करना चाहते हैं, तो “The Psychology of Money” बुक को ज़रूर पढ़ें और अपने financial goals को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहें।

आशा है कि आपको यह “The Psychology of Money” summary in Hindi पसंद आई होगी और आपको इससे लाभ मिलेगा।

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